आर्य समाज का आजादी की लड़ाई में विशेष योगदान रहा: स्वामी धर्मदेव आर्य समाज का मासिक वैदिक सत्संग संपन्न

आर्य समाज का आजादी की लड़ाई में विशेष योगदान रहा: स्वामी धर्मदेव
आर्य समाज का मासिक वैदिक सत्संग संपन्न

एस• के• मित्तल 
सफीदों,   आर्य समाज सफीदों के तत्वावधान में नगर के आर्य समाज मंदिर में मासिक वैदिक सत्संग का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की अध्यक्षता आर्य समाज सफीदों के प्रधान यादविंद्र बराड़ ने की। कार्यक्रम में भजनोपदेश के रूप में महाशय पंडित योगेश दत्त आर्य व प्रवचनकर्त्ता के तौर पर स्वामी धमदेव महाराज ने शिरकत की। इस मौके पर विशाल हवन का आयोजन किया गया, जिसमें सैंकड़ों लोगों ने अपनी-अपनी आहुति डाली। अपने संबोधन में स्वामी धमदेव महाराज ने कहा कि वेद को जिसने भी पढ़ा, सुना और समझा विशेष क्रांति उसके दिल में आ गई। उन्होंने बताया कि 1857 की क्रांति में महर्षि दयानंद और उनके गुरु स्वामी बिरजानंद दंडी का विशेष योगदान रहा। झांसी की रानी, तात्या टोपे इत्यादि को प्रेरणा देकर अंग्रेजों के खिलाफ लड़ने के लिए तैयार किया। आगे चलकर आर्य समाज के हजारों कार्यकर्ता अंग्रेजों के विरोध में संकल्प लेकर खड़े हो गए। रामप्रसाद बिस्मिल, चंद्रशेखर आजाद, भगत सिंह, राजगुरु, सुखदेव आदि ने फांसी का फंदा चूम लिया। इसलिए आर्य समाज का आजादी की लड़ाई में विशेष योगदान रहा।IIT-BHU की छात्रा से गैंगरेप के सभी आरोपी अरेस्ट: गन पॉइंट पर कपड़े उतरवाकर बनाया था वीडियो; 60 दिन बाद बुलेट के साथ पकड़े गए

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