आज सावन माह की शिवरात्रि मनाई जा रही है। भगवान शिव की पूजा अर्चना करने के लिए मंगलवार को दिन निकलते ही रेवाड़ी के मंदिरों में श्रद्धालुओं की भीड़ जुट गई। हरिद्वार से कांवड़ लेकर आएं कांवड़ियों ने रात 12 बजकर 1 मिनट होती ही मंदिर में कांवड़ चढ़ानी शुरू कर दी। मंदिरों में भगवान भोले के भक्तों का तांता लगा हुआ है।
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मान्यता है कि सावन माह की शिवरात्रि के दिन भगवान शिव की पूजा और जलाभिषेक करने का खास महत्व है। इसलिए मंगलवार को शिव मंदिरों में सुबह से ही भोले के जयकारों की गूंज सुनाई दी। शिवरात्रि के चलते जिलेभर के शिवालयों को विभिन्न प्रकार की लाइटों में सजाया गया है। साथ ही मंदिरों में सुरक्षा व्यवस्था भी कड़ी की गई है।
रेवाड़ी के मंदिर में कांवड़ के रूप में लाया गंजाजल चढ़ाता कांवड़िया।
रेवाड़ी के भाड़ावास रोड स्थित भूतेश्वर महादेव मंदिर और घंटेश्वर महादेव मंदिर के अलावा महेन्द्रगढ़ जिले के कस्बा कनीना के बागोत स्थित प्रसिद्ध शिव मंदिर में सुबह 4 बजे से ही श्रद्धालुओं की भीड़ के चलते लंबी-लंबी लाइनें लगी हुई हैं। खासकर यहां मंदिर प्रबंधक कमेटी के अलावा प्रशासन की तरफ से भी सुरक्षा के बंदोबस्त किए गए हैं।
लाइटों से जग-मग रेवाड़ी शहर का घंटेश्वर महादेव मंदिर।
2 साल बाद चढ़ी कांवड़
कोरोना के चलते पिछले 2 साल से कांवड़ यात्रा बंद थी, लेकिन इस बार कांवड़ यात्रा पर कोई रोक नहीं होने के कारण बड़ी संख्या में कांवड़िए हरिद्वार से जल लेकर लौटे। इनमें पैदल और डाक दोनों कांवड़ शामिल हैं।
रेवाड़ी शहर के घंटेश्वर मंदिर में जलाभिषेक करते हुए।