अल्पायु में वरिष्ठ पत्रकार दलजीत सिंह का निधन

सफीदों क्षेत्र में गहरी शोक की लहर
अंतिम संस्कार में पत्रकारिता, प्रशासनिक, सामाजिक, धार्मिक व राजनीतिक लोगों ने की शिरकत

एस• के• मित्तल 
सफीदों,         सफीदों के वरिष्ठ पत्रकार दलजीत सिंह का देर रात अल्पायु में निधन हो गया। वह मात्र 40 वर्ष के थे। जैसे ही उनके निधन का समाचार क्षेत्र पहुंचा वैसे ही समूचे क्षेत्र में शोक की लहर दौड़ गई और भारी तादाद में लोग नगर के नागरिक अस्पताल पहुंचे।
पिता धर्मपाल वर्मा, भाई हरेंद्र वर्मा व अन्य परिवार को लोगों ढांढस बंधाया। बता दें कि पत्रकार दलजीत सिंह बुधवार को अपने घर की पैडी चढ़ रहे थे कि वे अचानक गिरकर बेसूध हो गए। इस दुर्घटना के बाद तत्काल सफीदों के एक निजी अस्पताल में लाया गया, जहां पर डाक्टर ने उन्हे मृत्त घोषित कर दिया। उसके बाद दलजीत सिंह को सफीदों के नागरिक अस्पताल में ले जाया गया। जहां पर भी डाक्टरों ने चेकअप करके उन्हे मृत्त घोषित कर दिया। वीरवार सुबह अस्पताल प्रशासन व पुलिस ने आवश्यक कार्रवाई करके शव परिजनों को सौंप दिया। उसके बाद उनका अंतिम संस्कार वीरवार दोपहर को पानीपत रोड स्थित श्री शिवपुरी में किया गया। उनके 4 वर्षीय पुत्र ने अपने पिता को मुखाग्रि दी। अंतिम संस्कार के वक्त पत्रकारिता, प्रशासनिक, सामाजिक, धार्मिक व राजनीतिक लोगों ने की शिरकत करके अपनी श्रद्धांजली अर्पित की।
अंतिम संस्कार के वक्त सफीदों के एसडीएम सत्यवान सिंह मान, पूर्व विधायक जसबीर देशवाल, भाजपा प्रदेश प्रवक्ता एडवोकेट विजयपाल सिंह, पालिका चेयरपर्सन प्रतिनिधि संजय अधलखा व पूर्व भाजपा जिलाध्यक्ष अमरपाल राणा के अलावा अनेक गण्यमान्य लोग उपस्थित रहे। अंतिम संस्कार में पहुंचे गण्यमान्य लोगों का कहना था कि दलजीत सिंह सफीदों क्षेत्र के लोकप्रिय, निष्पक्ष एवं निर्भीक पत्रकार थे। उनके निधन से सफीदों क्षेत्र के धार्मिक, सामाजिक, राजनीतिक, प्रशासनिक विशेषकर पत्रकारिता जगत के लिए एक अपूर्णनीय क्षति है, जिसकी भरपाई कर पाना नामुमकिन है। उनकी बेमिसाल पत्रकारिता के लिए उन्हें सदैव याद रखा जाएगा। गौरतलब है कि दलजीत सिंह पिछले काफी वर्षों से पत्रकारिता क्षेत्र से जुड़े हुए थे और देश की जानी-मानी पत्र-पत्रिकाओं में काम कर चुके थे। हाल में वे एक बड़े दैनिक समाचार पत्र से जुड़े हुए थे। इसके अलावा पत्रकारिता के साथ-साथ उनकी समाजसेवा में एक विशेष रूचि होती थी। दलजीत सिंह भारत विकास परिषद संस्था समेत अनेक सामाजिक संस्थाओं से काफी लंबे समय से जुड़े रहकर समाजसेवा के कार्यों में संलग्र रहते थे। दलजीत सिंह अपने पीछे माता-पिता, भाई, दो बहनों, पत्नी व 3 छोटे-छोटे बच्चों को छोड़कर गए हैं। इस दुर्घटना के सदमे को परिवार सह नहीं पा रहा है और उनका रो-रोकर बुरा हाल है।

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