बंदर पकडऩे के लिए अब वन्य विभाग से अनुमति लेने की जरूरत नहीं: एसडीएम
एस• के• मित्तल
सफीदों, शहर के लोगों को अब बंदर पकड़वाने के लिए नगरपालिका सहित उच्चाधिकारियों के चक्कर नहीं काटने होगें। अब नपा के अधिकारी अपनी मर्जी से कभी भी बंदरों को पकडऩे का काम शुरू करवा सकते है। यह जानकारी शुक्रवार को सफीदों के एसडीएम सत्यवान सिंह मान ने दी।
सफीदों, शहर के लोगों को अब बंदर पकड़वाने के लिए नगरपालिका सहित उच्चाधिकारियों के चक्कर नहीं काटने होगें। अब नपा के अधिकारी अपनी मर्जी से कभी भी बंदरों को पकडऩे का काम शुरू करवा सकते है। यह जानकारी शुक्रवार को सफीदों के एसडीएम सत्यवान सिंह मान ने दी।
एसडीएम सत्यवान सिंह मान ने बताया कि पहले बंदरों को पकडऩे की अनुमति लेने के लिए वन एवं वन्य विभाग से अनुमति के लिए प्रस्ताव भेजा जाता था। एसडीएम ने बताया कि वन एवं वन्य विभाग जींद द्वारा नगरपालिका सफीदों के सचिव को पत्र जारी करके लिखा गया है कि भारत सरकार द्वारा वन्य जीव (संरक्षण) अधिनियम, 1972 में संशोधन कर दिया गया है।
बंदरों को किसी भी शेड्यूल में नहीं दर्शाते हुए वाइल्ड लाइफ एक्ट से बाहर कर दिया गया है। पत्र में आगे लिखा है कि इस स्थिति में बंदरों को पकड़वाने की अनुमति विभाग से लेने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने कहा कि ऐसे में नपा के अधिकारी अपने स्तर पर कभी भी बंदरों को पकड़वाने का प्रस्ताव पास करस्रह्य उन्हें पकडऩे का काम शुरू करवा सकते हैं।