रामनगर गांव के उच्च विद्यालय में है 7 अध्यापकों की कमी
केवल मुख्य अध्यापक व पीटीआई के भरोसे चल रहा है स्कूल
एस• के• मित्तल
सफीदों, उपमंडल के गांव रामनगर स्थित राजकीय उच्च विद्यालय में अध्यापकों की कमी से गुस्साए ग्रामीणों ने वीरवार को स्कूल के मुख्य द्वार पर तालाबंदी करके धरना दे दिया। धरने में काफी संख्या में ग्रामीण व महिलाएं मौजूद थीं। तालाबंदी के दौरान ग्रामीणों ने सरकार व शिक्षा विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। गांव के निवर्तमान सरपंच प्रतिनिधि अनिल कुमार, समाजसेवी देवेंद्र मलिक व जगबीर मलिक सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि गांव के इस स्कूल में पिछले तीन-चार वर्षों से अध्यापकों की भारी कमी चल रही है।
सफीदों, उपमंडल के गांव रामनगर स्थित राजकीय उच्च विद्यालय में अध्यापकों की कमी से गुस्साए ग्रामीणों ने वीरवार को स्कूल के मुख्य द्वार पर तालाबंदी करके धरना दे दिया। धरने में काफी संख्या में ग्रामीण व महिलाएं मौजूद थीं। तालाबंदी के दौरान ग्रामीणों ने सरकार व शिक्षा विभाग के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। गांव के निवर्तमान सरपंच प्रतिनिधि अनिल कुमार, समाजसेवी देवेंद्र मलिक व जगबीर मलिक सहित अन्य ग्रामीणों ने बताया कि गांव के इस स्कूल में पिछले तीन-चार वर्षों से अध्यापकों की भारी कमी चल रही है।
जिससे बच्चों को शिक्षा का भारी नुकसान पहुंच रहा है। उन्होंने बताया कि इस समय स्कूल में अध्यापकों के 7 पद खाली पड़े हैं और यह स्कूल केवल मुख्य अध्यापक व एक पीटीआई टीचर के भरोसे पर चल रहा है। अध्यापकों के ना होने के कारण बच्चे सारा दिन कक्षाओं की बजाय स्कूल ग्राऊंड में खेलते हुए नजर आते हैं। ग्रामीणों ने अपने स्तर पर पैसे खर्च करके यहां पर टीचरों की व्यवस्था की लेकिन आखिर इस तरह से वे कब तक काम चला पाएंगे। उन्होंने कहा कि इस स्कूल में पढऩे वाले बच्चे ज्यादातर गरीब परिवारों से संबंध रखते हैं और वे प्राइवेट स्कूलों की भारी-भरकम फीस जमा करवाने में सक्षम नहीं हैं। अगर उन्हे पढ़ाने के लिए टीचर व सुविधाएं उपलब्ध नहीं होंगी तो वे कैसे आगे बढ़ पाएंगे। सरकार टीचरों को कम करके सरकारी स्कूलों को बंद करने के कगार पर तुली हुई है।
सरकार की यह पॉलिसी गरीब बच्चों को शिक्षा के मामले में बहुत पीछे कर देने वाली है। उन्होंने बताया कि वे कई बार बीईओ व डीईओ को लिखित रूप में दे चुके हैं लेकिन आजतक कोई समाधान नहीं हुआ है। इस स्कूल में टीचर ना होने के कारण बच्चे इधर-उधर दाखिला लेने को मजबूर हैं। ग्रामीणों ने साफ किया कि जब तक कोई बड़ा अधिकारी मौके पर आकर उन्हें टीचरों की पूर्ति करने का आश्वासन नहीं देता तब तक वे स्कूल की तालाबंदी नहीं खोलेंगे। उन्होंने सरकार से मांग की कि गांव के बच्चों के भविष्य को बचाए रखने के लिए यहां पर तत्काल टीचरों की व्यवस्था की जाए। करीब 3 घंटे तक चली तालाबंदी के उपरांत मुआना स्कूल के प्रिंसिपल सुरेश कुमार मौके पर पहुंचे और उन्होंने ग्रामीणों को आश्वासन दिया कि स्कूल में टीचरों की व्यवस्था की जाएगी। इस मौके पर ग्रामीणों ने उन्हे एक ज्ञापन भी सौंपा। आश्वासन के उपरांत ग्रामीणों ने स्कूल का ताला खोल दिया।