हरियाणा के हांसी में CIA 2 के इंचार्ज और 2 कर्मचारियों के खिलाफ प्राचीन मूर्ति के 8 बिस्कुट बनाकर खुद बुर्द करने पर ADGP ने FIR दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए हैं। कर्मचारियों ने महात्मा बुद्ध की प्राचीन मूर्ति को सोने की मानकर इसे मालखाने से निकलवाया और सुनार से बिस्कुट बनाए। ADGP के पास शिकायत आने पर उन्होंने DSP हांसी को जांच सौंपी। DSP ने कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है।
ट्विटर 31 मार्च को ट्वीट्स की सिफारिश करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला स्रोत कोड खोलेगा, मस्क कहते हैं
ADGP श्रीकांत जाधव ने बताया कि DSP ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर दी। CIA टू के कर्मचारियों ने महात्मा बुद्ध की प्राचीन मूर्ति को जांच के लिए कस्टडी में लिया था और जांच में लेने के बाद उसे टेंपर नहीं कर सकती थी। सीआईए कर्मचारियों ने सुनार पर दबाव डालकर उसके बिस्कुट बनवाए। प्राथमिक दृष्टिकोण में इसके पीछे सीआईए टू के कर्मचारियों की गलत मंशा थी। इसलिए सीआईए हांसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। विभागीय जांच के लिए भी लिखा है।
मूर्ति को पिघलाकर बनाए थे बिस्कुट।
मूर्ति कितनी पुरानी, इसकी जांच होगी
ADGP ने बताया कि यह मूर्ति कितनी पुरानी है, इसकी जांच करवाई जाएगी। सुनार ने बताया था कि उसके पास जो लोग आए थे, वे ये समझकर आए थे कि वे सोना होगा। जब उन्होंने खुद जांच की थी तो उसमें सोना नहीं था। इसे ऑफिशियल कब्जे में लेकर छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। जो फोटोग्राफ देखा उससे लगता है कि यह एंटीक है। इसकी ऐज निकालनी होगी।
तत्कालीन आईजी के पास भी आई थी शिकायत
ADGP ने कहा कि इससे पहले 6 मार्च को तत्कालीन आईजी राकेश आर्य के पास आई थी। उन्होंने एसपी हांसी को मार्क की थी। उसकी स्टेट्स रिपोर्ट का उन्हें नहीं पता। ये एंटीक मूर्ति होगी। इसमें बबलू शिकायतकर्ता के रोल की भी जांच की जाए। यदि उसे मूर्ति यूपी में मिली थी, उनकी भूमिका भी संदिग्ध है। इसमें सीआईए टू का एक इंचार्ज और दो कर्मचारी शामिल थे।
महात्मा बुद्ध की मूर्ति जिसे पिघला दिया गया।
यूपी से आया था बबलू मूर्ति बेचने
हांसी में यूपी निवासी बबूल कुछ दिनों पहले एक सुनार के पास महात्मा बुद्ध की प्राचीन मूर्ति बेचने आया। उसका दावा था कि उसे ये मूर्ति खेत से मिली। इसकी जानकारी सीआईए टू को मिल गई। सीआईए टू ने उसके खिलाफ रिपोर्ट लिखकर उसे हिरासत में लिया। इसके बाद उसे मूर्ति नकली बताकर छोड़ दिया।
HSGPC का पहला बजट 106 करोड़ रुपए का: हरियाणा में शिक्षा पर खर्चेंगे 20 करोड़; चंडीगढ़ में 40 प्रतिशत संपत्ति पर जताया हक
इस दौरान सीआईए टू ने इस मूर्ति का मालखाने से निकलवाकर उसे सुनार से सोने के आठ बिस्कुट तैयार कर लिए। बबूल ने मूर्ति न देने की शिकायत ADGP को दी। ADGP ने जांच बैठा दी। जांच में तीनों कर्मचारी दोषी पाए गए। हांसी पुलिस ने इस मामले में शिकायतकर्ता बबलू को भी गिरफ्तार किया है।
दूसरी ओर हांसी एसपी नीतिका गहलोत ने आज प्रेस कांफ्रेस करके बताया कि सुनार विकास की शिकायत पर बबलू के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। बबूल टकूल गैंग का सदस्य है। सीआईए की भूमिका की जांच की जाएगी।
खबरें और भी हैं…
.
Follow us on Google News:-
.
Post Views: 16
हांसी CIA के 3 कर्मचारियों पर FIR के आदेश: प्राचीन मूर्ति को सोने की समझकर बिस्कुट बनवाए; जांच के लिए निकलवाई थी मालखाने से
हरियाणा के हांसी में CIA 2 के इंचार्ज और 2 कर्मचारियों के खिलाफ प्राचीन मूर्ति के 8 बिस्कुट बनाकर खुद बुर्द करने पर ADGP ने FIR दर्ज करने के आदेश जारी कर दिए हैं। कर्मचारियों ने महात्मा बुद्ध की प्राचीन मूर्ति को सोने की मानकर इसे मालखाने से निकलवाया और सुनार से बिस्कुट बनाए। ADGP के पास शिकायत आने पर उन्होंने DSP हांसी को जांच सौंपी। DSP ने कर्मचारियों के खिलाफ कार्रवाई की सिफारिश की है।
ट्विटर 31 मार्च को ट्वीट्स की सिफारिश करने के लिए इस्तेमाल किया जाने वाला स्रोत कोड खोलेगा, मस्क कहते हैं
ADGP श्रीकांत जाधव ने बताया कि DSP ने अपनी रिपोर्ट तैयार कर दी। CIA टू के कर्मचारियों ने महात्मा बुद्ध की प्राचीन मूर्ति को जांच के लिए कस्टडी में लिया था और जांच में लेने के बाद उसे टेंपर नहीं कर सकती थी। सीआईए कर्मचारियों ने सुनार पर दबाव डालकर उसके बिस्कुट बनवाए। प्राथमिक दृष्टिकोण में इसके पीछे सीआईए टू के कर्मचारियों की गलत मंशा थी। इसलिए सीआईए हांसी के खिलाफ एफआईआर दर्ज की जाएगी। विभागीय जांच के लिए भी लिखा है।
मूर्ति को पिघलाकर बनाए थे बिस्कुट।
मूर्ति कितनी पुरानी, इसकी जांच होगी
ADGP ने बताया कि यह मूर्ति कितनी पुरानी है, इसकी जांच करवाई जाएगी। सुनार ने बताया था कि उसके पास जो लोग आए थे, वे ये समझकर आए थे कि वे सोना होगा। जब उन्होंने खुद जांच की थी तो उसमें सोना नहीं था। इसे ऑफिशियल कब्जे में लेकर छेड़छाड़ नहीं की जा सकती। जो फोटोग्राफ देखा उससे लगता है कि यह एंटीक है। इसकी ऐज निकालनी होगी।
तत्कालीन आईजी के पास भी आई थी शिकायत
ADGP ने कहा कि इससे पहले 6 मार्च को तत्कालीन आईजी राकेश आर्य के पास आई थी। उन्होंने एसपी हांसी को मार्क की थी। उसकी स्टेट्स रिपोर्ट का उन्हें नहीं पता। ये एंटीक मूर्ति होगी। इसमें बबलू शिकायतकर्ता के रोल की भी जांच की जाए। यदि उसे मूर्ति यूपी में मिली थी, उनकी भूमिका भी संदिग्ध है। इसमें सीआईए टू का एक इंचार्ज और दो कर्मचारी शामिल थे।
महात्मा बुद्ध की मूर्ति जिसे पिघला दिया गया।
यूपी से आया था बबलू मूर्ति बेचने
हांसी में यूपी निवासी बबूल कुछ दिनों पहले एक सुनार के पास महात्मा बुद्ध की प्राचीन मूर्ति बेचने आया। उसका दावा था कि उसे ये मूर्ति खेत से मिली। इसकी जानकारी सीआईए टू को मिल गई। सीआईए टू ने उसके खिलाफ रिपोर्ट लिखकर उसे हिरासत में लिया। इसके बाद उसे मूर्ति नकली बताकर छोड़ दिया।
HSGPC का पहला बजट 106 करोड़ रुपए का: हरियाणा में शिक्षा पर खर्चेंगे 20 करोड़; चंडीगढ़ में 40 प्रतिशत संपत्ति पर जताया हक
इस दौरान सीआईए टू ने इस मूर्ति का मालखाने से निकलवाकर उसे सुनार से सोने के आठ बिस्कुट तैयार कर लिए। बबूल ने मूर्ति न देने की शिकायत ADGP को दी। ADGP ने जांच बैठा दी। जांच में तीनों कर्मचारी दोषी पाए गए। हांसी पुलिस ने इस मामले में शिकायतकर्ता बबलू को भी गिरफ्तार किया है।
दूसरी ओर हांसी एसपी नीतिका गहलोत ने आज प्रेस कांफ्रेस करके बताया कि सुनार विकास की शिकायत पर बबलू के खिलाफ केस दर्ज किया गया है। बबूल टकूल गैंग का सदस्य है। सीआईए की भूमिका की जांच की जाएगी।
.
.