जींद. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने ‘बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ‘ राष्ट्रीय अभियान हरियाण के पानीपत जिले से शुरू किया था. प्रधानमंत्री द्वारा शुरू किए गए इस अभियान से हरियाणा की तस्वीर बदल गई है. लिंगानुपात के मामले में हरियाणा में काफी सुधार हुआ है. हरियाणा के लोग अब बेटियों को पढ़ा लिखाकर कामयाबी के शिखर तक पहुंचाने में भी कोई कसर नहीं छोड़ रहे.
हरियाणा का जींद जिला लिंगानुपात सुधार के मामले में दूसरे जिलों के लिए नजीर बना है. स्वास्थ्य निदेशालय की ओर से जारी मार्च 2022 तक के आंकड़ों के अनुसार जींद में 1000 हजार लड़कों पर 996 लड़कियों ने जन्म लिया है. जींद प्रदेश में प्रथम स्थान पर रहा है. पिछले वर्ष के मुकाबले इस बार 110 अधिक लड़कियों ने जन्म लिया है.
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बता दें कि पिछले वर्ष जींद जिले का लिंगानुपात 886 था. इस बार पलवल दूसरे तथा भिवानी तीसरे स्थान पर रहा और महेंद्रगढ़ जिला अंतिम स्थान पर रहा है. लिंगानुपात में भले ही जींद जिला प्रदेश में टॉप रहा हो, लेकिन प्रदेश में सबसे ज्यादा लड़कियों ने जन्म नूंह में लिया है.
जींद में 2410 लड़कियों ने जन्म लिया, वहीं नूंह जिले में 6280 लड़कियों ने जन्म लिया है. नूंह में इस अवधि में 6725 लड़कों ने जन्म लिया है. इसके चलते ज्यादा लड़कियों के जन्म के बावजूद लिंगानुपात के आंकड़े में पीछे हो गया. सबसे कम बच्चे चरखी दादरी जिले में पैदा हुए. चरखी दादरी में 915 बच्चे पैदा हुए. इसमें से 718 लड़के व 657 लड़कियों ने जन्म लिया.
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