सत्संग में जाने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं : स्वामी धर्मदेव

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कार्यक्रम में मौजूद विद्वान एवं श्रद्धालुगण
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आर्य समाज सफीदों का मासिक सत्संग संपन्न

सफीदों, (एस• के• मित्तल) : आर्य समाज सफीदों का मासिक सत्संग रविवार को संपन्न हुई। कार्यक्रम की अध्यक्षता प्रधान यादविंद्र बराड़ ने की। इस मौके पर प्रात: हवन किया गया। जिसमें सैंकड़ों लोगों ने आहुति डालकर समाज की सुख-शांति की कामना की। कार्यक्रम में भजनोपदेशिका कल्याणी आर्य (हिसार) तथा प्रवचनकर्ता आचार्य सुनील देव आर्य शिरकत करके आर्य समाज की अलख जगाई। वहीं स्वामी धर्मदेव महाराज का विशेष सानिध्य प्राप्त हुआ। अपने संबोधन में विद्वानों ने कहा कि आर्य समाज एक सुधार आंदोलन का नाम है। आर्य समाज वैदिक धर्म को पुनर्जीवित करने और समाज में फैली बुराइयों को दूर करने के लिए काम बहुत लंबे समय से कर रहा है। आर्य समाज के संस्थापक महर्षि दयानंद सरस्वती ने दस नियम बताए हैं, जिनमें ईश्वर की उपासना, वेद को प्रमाण मानना और समाज सुधार शामिल हैं। सत्संग में भाग लेने से जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। इसलिए हर व्यक्ति को सत्संग में बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए। उन्होंने कहा कि बच्चों को अनुशासन में रहते हुये मानवीय गुणों को धारण करना चाहिए। वैदिक धर्म हमें मनुष्य बनाता है। बच्चों को बुरी आदतों से बचकर गुरुजनों व माता-पिता का सम्मान करते हुए विद्या अध्ययन करना चाहिए। अगर बच्चा अच्छे गुणों को धारण करके शिक्षा ग्रहण करेगा तो वह आगे चलकर वह अच्छा नागरिक बनकर देश की सेवा करेगा। कार्यक्रम के समापन पर विशाल ऋषि लंगर का आयोजन किया गया, जिसमें सैंकड़ों लोगों ने प्रसाद ग्रहण किया।

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