संतो की विचारधारा से ही भारत सामाजिक व सांस्कृतिक रूप से मजबूत: विजयपाल सिंह

एस• के• मित्तल 
सफीदों,  जिस देश और समाज की सभ्यता और संस्कृति कमजोर होती है वह देश और समाज भी धीरे-धीरे कमजोर हो जाता है, हम सौभाग्यशाली हैं कि हमारे देश में समय-समय पर संतो के रूप में स्वयं भगवान आते रहें है और हमारे समाज और संस्कृति को रास्ता दिखाते रहें हैं। यह बात भाजपा राष्ट्रीय परिषद के सदस्य व हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग के पूर्व सदस्य एडवोकेट विजयपाल सिंह ने उपमंडल के गांव मुआना में संत शिरोमणि गुरु रविदास जी जयंती पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कही।
इस मौके पर विजयपाल सिंह का ग्रामीणों ने जोरदार अभिनंदन किया। विजयपाल सिंह ने कहा कि मनोहर सरकार ने अपने कार्यकाल में संत व महापुरूषों को सम्मान देकर इतिहास रचा है। संत रविदास ने अपनी वाणी से समाज के अंदर समरसता का भाव पैदा किया। उन्होंने अपने ज्ञान के प्रकाश से लोगों के जीवन में बदलाव लाने का किया। संत रविदास की बताई गई वाणियों और विचारों पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल चलकर समाज के अंतिम व्यक्ति का भला कर रहे हैं। उन्होंने कहा कि सनातनी भारत और सनातन संस्कृति ही विश्वकल्याण और मानवता की मूल विचारधारा है।
भारत की इस महानतम विचारधारा का निर्माण सनातन और संत परंपरा से ही हुआ है। उन्होंने कहा कि संत किसी जाति, सम्प्रदाय के नहीं होते बल्कि वे पूरे समाज के संत होते हैं और उन संतो के द्वारा जो रास्ता दिखाया जाता है, उस पर चलकर हमारा जीवन सार्थक हो जाता है। आज का दिन संकल्प करने का दिन है। उन्होंने कहा कि हम अपने आप में से बुराई का त्याग करें और अच्छाई को अपनाएं तभी जयंति मनाने की सार्थकता होगी। विजयपाल सिंह ने गांव मुआना के अलावा बेरी खेड़ा, खातला, आदर्श कॉलोनी, सफीदों सहित कई स्थानों पर आयोजित कार्यक्रमों में शिरकत की।

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