राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्य तिथि पर मनाया शहीदी दिवस, रखा दो मिनट का मौन

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गांधी जी के सादा जीवन और उच्च विचार का संदेश जन-जन तक पहुंचाने की आवश्यकता -अजय कुमार

एस• के• मित्तल
जीन्द,    राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की पुण्य तिथि के मौके पर रविवार को कृतज्ञ जिलावासियों ने राष्ट्रपिता महात्मा गांधी को याद किया। उनकी पुण्य तिथि शहीदी दिवस के रूप में मनाई गई। देश की आजादी के लिए अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान देने वाले शहीदों की शहादत को याद किया गया। स्थानीय लघु सचिवालय परिसर में लगी राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की आदम कद प्रतिमा पर पुष्प चढ़ाकर श्रद्धांजलि दी गई।  इस मौके पर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी तथा देश के अमर शहीदों को श्रद्धासुमन अर्पित करने वालों में जींद के नायब तहसीलदार अजय कुमार व अनेक अधिकारी एवं कर्मचारी के अलावा वकील व आमजन शामिल थें। हरियाणा पुलिस की टुकड़ी ने शहीदों की स्मृति में शस्त्र झुकाकर सैन्य परम्परा के अनुरूप भारत के स्वतन्त्रता संग्राम में अपने प्राणों का सर्वोच्च बलिदान देने वाले तथा आजादी को सहेजकर रखने में अपनी शहादत देने वाले शहीदों को नमन किया गया।  नायब तहसीलदार अजय कुमार ने कहा कि 30 जनवरी 1948 का वह दिन जिस दिन महात्मा गांधी की मृत्यु हुई थी। कहने को तो बाकी दिनों जैसा ही था लेकिन शाम होते-होते यह इतिहास में सबसे दुखद दिनों में शुमार हो गया। महात्मा गांधी अपने जीवनकाल में अपन विचारों और सिद्धांतों के कारण चर्चित रहे मोहनदास कर्मचंद गांधी का नाम दुनिया भर में सम्मान से लिया जाता है।   महात्मा गांधी सत्य और अहिंसा के पूजारी थे। उन्होंने देश को बिना हथियार उठाए अहिंसा के रास्ते पर चल कर आजादी दिलवाई । आजादी के लिए चले लम्बे संघर्ष से जुडने के लिए लोगो को प्रेरित किया । गांधी जी ने  जीवनपर्यन्त सच्चाई व ईमानदारी का निर्वहन किया।  गांधी जी का सादा जीवन और उच्च विचार का संदेश आज जन-जन तक पहुंचाने की आवश्यकता है।
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गांधी जी ने यह सिद्ध कर दिया कि सच्चाई व ईमानदारी के रास्ते पर चलकर भी अपना लक्ष्य प्राप्त किया जा सकता है।
आजादी के आन्दोलन में असंख्य वीर-वीरांगनाओं ने अपने प्राणों की बाजी लगाई। आजादी के लम्बे संघर्ष में कवियों ने अपनी रचनाओं के माध्यम से जनसाधारण में आजादी प्राप्त करने की प्रेरणा पैदा की । अनेकों ऐसे शहीद रहे जिनके नाम भले ही इतिहास के पन्नों में दर्ज नहीं हैं, आज कृतज्ञ राष्ट्र  उन जाने अनजाने शहीदों को नमन करता है। आजादी के बाद देश की  सरहदों को सुरक्षित रखने के लिए अपने प्राणों की बाजी लगाने वाले शहीदों को भी इस कार्यक्रम में नमन किया गया।  आज गांधी जी व स्वतंत्रता आंदोलन के जांबाजों तथा आजादी के बाद देश की रक्षा करने वाले रण बांकुरों को सच्ची श्रद्धाजंलि होगी कि हमें उन द्वारा स्थापित आदर्शों एवं नैतिक मूल्यों पर आधारित जीवन जीते हुए राष्ट्रहित को सर्वोच्च प्राथमिकता देनी होगी और एक समृद्ध राष्ट्र के निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करनी होगी। कार्यक्रम के तहत स्वतंत्रता संग्राम में जीवन का बलिदान देने वाले शहीदों की याद में कोविड-19 के मध्यनजर सरकार द्वारा जारी नियमों की पालना करते हुए  शहर के जिला सचिवालय,रानी तालाब,पटियाला चौंक, देवीलाल चौंक पर फायर बिग्रेड की गाड़ी द्वारा सायरन बजाया गया और जो भी व्यक्ति जहां हो वहीं खडे होकर दो  मिनट का मौन धारण कर शहीदों को श्रद्वांजलि दी गई।
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