जींद : जिलाधीश मोहम्मद इमरान रजा ने भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 की धारा 163 के आधार पर प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए जिला में विवाह और अन्य समारोह के दौरान रात 10 बजे के बाद बजाए जाने वाले डीजे तथा हथियारों के प्रयोग पर प्रतिबंध लगाया गया है। जिलाधीश मोहम्मद इमरान रजा ने बताया कि जश्न मनाने के लिए अधिकृत हथियार लाइसेंस धारी आमतौर पर लाइसेंसी हथियारों के माध्यम से उत्सव के दौरान हवाई फायरिंग में लिप्त रहते हैं, जिससे जान-माल का खतरा रहता है। उन्होंने बताया कि हाल ही में राज्य के कई जिलों में इस तरह की घटनाओं से मृत्यु/घायल होने तथा सम्पत्ती को नुकसान पहुंचाने की घटनाएं सामने आई हैं। कानून के अनुसार, शस्त्र लाइसेंस धारकों को उनकी सुरक्षा कारणों से हथियार रखने की अनुमति है, लेकिन वे इन आयोजनों में अन्य व्यक्तियों के जीवन को खतरे में डालने के लिए उत्सव के नाम पर इसका इस्तेमाल नहीं सकते। उन्होंने कहा कि बैंक्वेट हॉल/होटलों तथा बारात घरों के संचालक शादियों की बुकिंग करने वाले व्यक्तियों से लिखित में यह आश्वासन भी लें कि समारोहों के दौरान हथियारों का इस्तेमाल नहीं किया जाएगा। उन्होंने जिला में स्थित सभी बैंक्वेट हॉल/होटलों तथा बारात घरों में जरूरत अनुसार सीसीटीवी लगाने और डीबोर्डिंग लगाकर इस आशय की चेतावनी प्रदर्शित करने के भी निर्देश दिए। सीसीटीवी और डीवीआर की भंडारण क्षमता 15 दिनों से कम नहीं होनी चाहिए। जिलाधीश ने बताया कि विवाह एवं अन्य समारोह में ऊंची आवाज में डीजे बजाने से ध्वनि प्रदूषण भी होता है। जिसके कारण (विनियमन एवं नियंत्रण) नियम, 2000 के प्रावधानों का उल्लंघन होने की संभावना है। उन्होंने आमजन से अनुरोध किया कि विवाह एवं अन्य समारोहों के दौरान रात्रि 10 बजे के बाद कोई भी व्यक्ति डीजे का उपयोग नही करे, ताकि मानव जीवन और संपत्ति को खतरा और सार्वजनिक शांति में व्यवधान, दंगा या झगड़े से बचा जा सके। उन्होंने कहा कि पुलिस विभाग के कर्मी रात्रि गश्त के दौरान इस तरह के समारोह में डीजे बजाने व अन्य नियमों की पालना करवाएं।