महाकुंभ में साध्वी मोक्षिता महंत की उपाधि से हुई विभूषित

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प्रयागराज महाकुंभ में महंत बनने के उपरांत साध्वी मोक्षिता
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साध्वी मोक्षिता ने इस पद को गुरूओं का आशीर्वादव भगवत कृपा बताया


सफीदों, (एस• के• मित्तल): सफीदों उपमंडल के गांव सरणाखेड़ी स्थित भक्ति योग आश्रम की साध्वी मोक्षिता को प्रयागराज महाकुंभ में महानिर्वाणी अखाड़े द्वारा महंत की उपाधि विभूषित किया गया है। उनकी इस उपलब्धि से भक्ति योग आश्रम के संचालक एवं उनके गुरू डा. शंकरानंद सरस्वती सहित धर्मगुरूओं व संतों में खुशी की लहर है। गौरतलब है कि साध्वी डॉ. मोक्षिता उड़ीसा राज्य से ताल्लुक रखती है। वर्ष 2013 में डॉ. शंकरानंद सरस्वती के सानिध्य में बतौर साधक घर-परिवार छोड़कर उपमंडल सफीदों के गांव सरनाखेड़ी स्थित भक्ति योग आश्रम में पहुंची थी। उसके उपरांत आध्यात्मिक शिक्षा-दीक्षा ग्रहण करके वर्ष 2020 के कुंभ में महज 19 वर्ष की आयु में पंचायती महानिर्वाणी अखाड़ा के तहत पूर्ण सन्यास धारण कर लिया था। आध्यात्मिक जगत के साथ-साथ वे स्वास्थ्य जगत में भी नाम कमा रहीं है। वे प्राकृतिक चिकित्सा के माध्यम से लोगों को आरोग्य प्रदान करने का कार्य कर रही हैं। अब वर्तमान प्रयागराज महाकुंभ 2025 में महानिर्वाणी अखाड़े के संतों के द्वारा उन्हे महंत पद से विभूषित किया गया है।

उनके गुरू स्वामी डा. शंकरानंद सरस्वती ने बताया कि यह उपलब्धि उनके कठिन तप, साधना और सनातन धर्म के प्रति पूर्ण समर्पण का परिणाम है। यह दीक्षा इस बात का प्रमाण है कि साध्वी मोक्षिता ने उनके द्वारा प्रदत शिक्षाओं और अखाड़े की परंपराओं का पूर्ण पालन किया है। महानिर्वाणी अखाड़ा सनातन धर्म के प्रचार और साधु-संतों को संगठित करने की प्राचीन परंपराओं को आगे बढ़ाने में सक्रिय है। यह सफीदों क्षेत्रवासियों के लिए गर्व का क्षण है कि उनके क्षेत्र की एक साध्वी ने अखाड़े की इस सम्माननीय परंपरा में महत्वपूर्ण स्थान प्राप्त किया है। साध्वी मोक्षिता की इस उपाधि से न केवल सनातन धर्म की परंपराएं सुदृढ़ होंगी, बल्कि समाज और धर्म में उनकी भूमिका और प्रभावी होगी।

वहीं महंत बनने के उपरांत संवाददाता से बातचीत में साध्वी मोक्षिता ने कहा कि यह सब उनके गुरू डा. शंकरानंद सरस्वती के आशीर्वाद और भगवत कृपा से ही संभव हो पाया है। उन्होंने कहा कि इतनी कम उम्र में उन्हे पद, प्रतिष्ठा और मान-सम्मान मिला है, वह किसी अचंभे से कम नहीं है। मुझे अपने अंदर से यह महसूस हो रहा है कि यह सब गुरु और भगवत कृपा का परिणाम है। साध्वी डा. मोक्षिता ने बताया कि महंत दीक्षा के उपरांत महामण्डलेश्वर स्वामी विद्यागिरी महाराज ने उनको गांव नसूडी, खन्ना (पंजाब) स्थित आश्रम की जिम्मेवारी सौंपी है। अब वे कुरूक्षेत्र आश्रम के साथ-साथ पंजाब के इस आश्रम की जिम्मेवारी भी संभालेंगी।

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