केंद्रीय कैबिनेट की मीटिंग में बुधवार (21 फरवरी) को बड़ा फैसला लिया गया है, जिसके अंतर्गत गन्ना खरीद की कीमत (FRP) में करीब 8% का इजाफा हुआ है। अभी गन्ने की खरीद कीमत ₹315 प्रति क्विंटल है, जो अब ₹340 प्रति क्विंटल हो जाएगी। कुल 25 रुपए का इजाफा किया गया है
केंद्रीय मंत्री अनुराग ठाकुर ने कहा कि 2014 से पहले किसानों को खाद के लिए सड़कों पर उतरना पड़ता था। उस समय उन्हें गन्ने की भी सही कीमत नहीं मिलती थी। लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में किसानों को फसलों का सही मूल्य दिया जा रहा है।
उन्होंने कहा कि किसानों को बढ़ी हुई कीमत का लाभा आगामी गन्ना सीजन 1 अक्टूबर 2024 से 30 सितंबर 2025 की अवधि से मिलेगा।
आमतौर पर केंद्र सरकार जून या इसके बाद FRP तय करती है। शुगर सीजन 2024-25 के पहले ये दाम तय किए गए हैं।पिछली बार इन फसलों के लिए FRP 315 रुपए तय की गई थी, जिनका रिकवरी रेट 10.25 था। सरकार के इस फैसले से देश के 5 करोड़ गन्ना किसानों को फायदा होगा।
नेशनल लाइवस्टॉक मिशन में किया गया संशोधन
केंद्रीय मंत्री ठाकुर ने नेशनल लाइवस्टॉक मिशन में संशोधन के बारे में कहा कि एक सबस्कीम शुरू की जा रही है। इससे घोड़े-ऊंट, गधा-खच्चर की संख्या घट रही है और देसी नस्ल की प्रजातियां खत्म होने की कगार पर हैं। इसलिए पशुधन को बचाने के लिए नेशनल लाइवस्टॉक एक्सचेंज चलाया जा रहा है।
ब्रीड मल्टीफिकेशन पर काम हो रहा है। एंटरप्रेन्योर के रूप में कोई व्यक्ति हो, सेल्फ हेल्प ग्रुप हो, इन सबको 50 फीसदी सब्सिडी दी गई है। इसकी अधिकतम सीमा 50 लाख रुपए रखी गई है।
बंजर भूमि को चारे का प्रोडक्शन बढ़ाने के काम में लाया जाएगा
उन्होंने बताया कि चारे की उपलब्धता को बढ़ाने के लिए बंजर भूमि को चारे का प्रोडक्शन बढ़ाने के काम में लाया जाएगा, जिसके लिए सब्सिडी दी जाएगी। सभी प्रकार के पशुधन का इंश्योरेंस करने का लाभ मिलेगा। सबमें एक समान प्रीमियम देना होगा। पहले 20 से 50 फीसदी प्रीमियम देना पड़ता था, अब 15 फीसदी देना होगा।
रिसर्च एंड डेवलपमेंट के लिए चैलेंज मेथड के आधार पर प्राइवेट इंस्टीट्यूशन को 50 फीसदी सब्सिडी अधिकतम 5 करोड़ रुपये तक मिलेगी। इससे छोटे और सीमांत किसानों को बड़ा लाभ मिलने जा रहा है।
फ्लड मैनेजमेंट और बॉर्डर एरिया प्रोग्राम
अनुराग ठाकुर ने बताया कि तीसरा बड़ा फैसला फ्लड मैनेजमेंट और बॉर्डर एरिया प्रोग्राम को लेकर है। इस प्रोग्राम को 4100 करोड़ रुपये की राशि उपलब्ध करवाई गई है। 2021-22 से 2025-26 तक इसमें 2,930 करोड़ फ्लड मैनेजमेंट के लिए दिया जाएगा। इसका फंडिंग का पैटर्न 60:40 का रेशो रहेगा। 60 फीसदी केंद्र देगी, जबकि बाकी का राज्य सरकार देगी।
वहीं, केंद्र ने अंतरिक्ष में FDI को भी मंजूरी दी गई है।
क्या है FRP, कैसे तय होता है?
FRP वह न्यूनतम मूल्य है, जिस पर चीनी मिलों किसानों से गन्ना खरीदना होता है। कमीशन ऑफ एग्रीकल्चर कॉस्ट एंड प्राइसेज (CACP) हर साल अपनी ओर से FRP के लिए सिफारिश करता है।
CACP गन्ना सहित प्रमुख कृषि उत्पादों की कीमतों के बारे में सरकार को अपनी ओर से सिफारिश भेजती है। इस सिफारिश पर विचार करने के बाद सरकार उसे लागू करती है। केंद्र सरकार गन्ना (नियंत्रण) आदेश, 1966 के तहत FRP तय करती हैं। FRP में बढ़ोतरी से सीधा फायदा किसानों को होता है। किसानों को गन्ना बेचकर ज्यादा दाम मिलते हैं।
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